दौड़
का इसको चढ़ा जुनून।
बात हवा से करता जाता,
सबसे आगे वो हो जाता।
पापा
को पोलो खिलवाता,
और
मुझे भी
सैर कराता।
मस्त कलर है इसका काला,
दादा जी ने इसको
पाला।
मांस
मीट से नफरत इसको,
चना
घास की फितरत इसको।
ज्वार, बाजरी, भूसा खाता,
चोकर,घी,मग,दूध सुहाता।
अश्व-शक्ति
है जानी मानी,
चना
दूध की यही कहानी।
मैं भी चना-मसाला खाता,
और अश्व सी शक्ति पाता।
एक
सजग प्राणी है घोड़ा,
खड़े-खड़े
सो लेता घोड़ा।
बाजि,अश्व,हय,घोटक,घोड़ा,
शब्द-ज्ञान भी कर लें थोड़ा।
-आनन्द विश्वास
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