Friday, 5 March 2021

“कर-दर्शनम्”

सुबह
 सबेरे  उठकर  बच्चो,
सर्वप्रथम  कर-दर्शन करना।
        लेकर प्रभु का नाम और फिर,
        दौनों कर मस्तक पर रखना।
कर के अग्रभाग में बच्चो,
माँ लक्ष्मीं जी स्वयं विराजें।
        मध्य भाग में मातु शारदे,
        और मूल में हरी विराजें। 
कर-दर्शन हरि दर्शन होता,
दर्शन से मन निर्मल होता।
        धन विद्या औ शुद्ध कर्म का,
        बीज अंकुरित मन में होता।
सब तीर्थों का वास करों में,
दिव्य शक्ति-मय हाथ तुम्हारे।
        शुद्ध कर्म हों सारे दिन भर,
        सदा  शक्तियाँ साथ तुम्हारे।
दौनों कर में शक्ति अपरिमित,
निर्भय  होकर   आगे  बढ़ना।
        धरती माँ को कर प्रणाम फिर,
        सीधा  पग  धरती  पर धरना।
सूर्योदय    से   पहले  उठकर,
सूरज का  अभिनन्दन करना।
        स्वर्णिम ओजमयी किरणों से,
        अपना जीवन उज्ज्वल करना।
        -आनन्द विश्वास


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