सुबह
सबेरे त्राटक योगा,
सुन्दर तन-मन, भागें रोगा।
हल्की जौगिंग जो हो जाए,
सारा दिन मंगल-मय होगा।
दादा
जी अक्सर
कहते हैं,
योगा को
अपनाना होगा।
एक बार जो कर ले
योगा,
देखो, फिर कैसा मन होगा।
योगा
करने वाला हर जन,
चुस्ती फुर्ती
वाला होगा।
आसन से शासन हो मन पर,
चंचल मन भी वश में होगा।
विश्वशान्ति का हल है योगा,
आत्मशक्ति सम्बल है योगा।
जन-जन के मन में बस जाए,
तभी सुनहरा जन-गण होगा।
...आनन्द विश्वास
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