Wednesday, 25 May 2016

कुछ हाइकु



1.
हमने माना
पानी नहीं बहाना
तुम भी मानो।
2.
छेड़ोगो तुम
अगर प्रकृति को
तो भुगतोगे।
3.
जल-जंजाल
न बने जीवन का
जरा विचारो।
4.
सूखा ही सूखा
क्यों है चारों ओर
सोचो तो सही।
5.
हँसना रोना
बोलो कौन सिखाता
खुद आ जाता।
6.
सुनो सब की
सोचो समझो और
करो मन की
7.
घड़ी की सुईं
चलकर कहती
चलते रहो।
8.
पानी या खून
हर बूँद अमूल्य
मत बहाओ।
9.
सूखा ही सूखा
प्यासा मन तरसा
हुआ उदासा।
10.
भ्रष्टाचार से
देश को बचाएंगे
संकल्प करें।
11.
आतंकवाद
समूल मिटाना है
मन में ठानें।
12.
नैतिक मूल्य
सर्वोपरि होते हैं
मन से मानें।
13.
गेंहूँ जौ चना
कैसे हो और घना
हमें सोचना।
14.
मन की बात
सोचो, समझो और
मनन करो।
15.
देश बढ़ेगा
अपने दम पर
आगे ही आगे।
16.
अपना घर
तन-मन-धन से
स्वच्छ बनाएं।
17.
विद्या मन्दिर
नारों का अखाड़ा है
ये नज़ारा है।
18.
सब के सब
एक को हटाने में
एक मत हैं।
19.
पहरेदार
हटे, तो काम बने
हम सब का।
20.
नहीं सुहाते
दोनों घर हमको
बिन कुर्सी के।
...आनन्द विश्वास

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