Friday 20 November 2015

हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई

हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई
...आनन्द विश्वास
हिन्दू  मुस्लिम  सिख  इसाई,
ये सब  क्या है,  बोलो  भाई।
उसने  तो   इन्सान   बनाया,
किसने  ऐसी   चाल  चलाई।

हिन्दू क्या है, मुस्लिम क्या है,
किसने   खोदी   ऐसी   खाई।
सबको मिल जुलकर रहना था,
किसने    ये   नफ़रत   फैलाई।

एक  धरा  है   एक  गगन  है,
एक   खुदा  के   बन्दे,  भाई।
एक  मनुज  है, एक  खून  है,
सारे    इन्सां    भाई - भाई।

खून,  नसों में  बहता  अच्छा,
किसने   खूनी - नदी  बहाई।
हरे  रंग  की   सुन्दर  धरती,
क्यों कर इसको लाल रंगाई।

जगह-जगह  सन्नाटा  पसरा,
किसने भय-मय हवा चलाई।
प्रेम   रंग   है   सबसे  सुन्दर, 
प्रेम   रंग   में   रंगो   खुदाई।
चित्र गूगल से साभार
...आनन्द विश्वास

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