मेरे
पापा सबसे अच्छे
...आनन्द
विश्वास
मेरे पापा सबसे अच्छे,
मेरे संग बन जाते बच्चे।
झटपट वो घोड़ा
बन जाते,
और पींठ पर
मुझे बिठाते।
पूँछ
हिलाते हिन-हिन करते,
धमा चौकड़ी भरते फिरते।
और गुँलाटी फिर वो
भरते,
टप-टप, टप-टप बोला करते।
थककर
कहते भूखा घोड़ा,
माँग
रहा
है ब्रेड-पकोड़ा।
चाय और पकोड़ा लाओ,
अब
घोड़े की भूख मिटाओ।
मेरी
प्यारी बिटिया रानी,
प्यासा
घोड़ा लाओ पानी।
जल्दी से मैं पानी
लाती,
अपने हाथों उन्हें
पिलाती।
कितनी
सुन्दर गुड़िया ला दी,
उपहारों
की झड़ी लगा दी।
जब गुड़िया का पेट
दबाती,
गाती, हँसती और हँसाती।
कभी
पैर
पर मुझे झुलाते,
झू-झू
मामू
गाना गाते।
ढब-ढब करके
छान उठाते,
ऊँचा करते
और गिराते।
पापा फिर
से छान उठाओ,
मुझे उठाओ
और गिराओ।
गिरना पड़ना मुझको भाता,
पापा के संग
खेल सुहाता।
खाना
अपने
संग खिलाते,
और
कहानी रोज़ सुनाते।
लोट-पोट मैं हो
जाती हूँ,
थक कर फिर मैं सो जाती हूँ।
...आनन्द
विश्वास
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