आओ,
चन्दा मामा आओ
...आनन्द
विश्वास
आओ
चन्दा मामा आओ,
एक बार तो घर पर आओ।
नानी वाली कथा कहानी,
हमें बताओ, हमें
सुनाओ।
बापू का चरखा तो
देखा,
नानी का चरखा दिखलाओ।
कैसे सूत काततीं नानी,
कते सूत का, झबला लाओ।
क्या खाते हो, क्या पीते हो,
हम बच्चों को जरा
बताओ।
कभी किसी दिन साथ हमारे,
पीज़ा खाओ,
बर्गर खाओ।
अपने साथी तारा-गण को,
एक बार तो, यहाँ घुमाओ।
केवल रात तुम्हें क्यों भाती,
इसका कारण
हमें बताओ।
या फिर रूँठ गऐ
हो हमसे,
मन भी जाओ, मान भी जाओ।
मम्मी हर दिन तुम्हें निहारे,
इस राखी पर आ भी जाओ।
...आनन्द
विश्वास